सी-गंगा आईआईटी कानपुर और एनएमसीजी ने 9 दिसंबर से आईआईटी दिल्ली में 10वे इंडिया वाटर इम्पैक्ट समिट का किया शुभारंभ
Kanpur , 9 December 2025
Source: Information and Media Outreach Cell, IIT Kanpur
कानपुर, 9 अक्टूबर 2025: 10वां इंडिया वॉटर इम्पैक्ट समिट (IWIS) का आयोजन आज आईआईटी दिल्ली के FITT ऑडिटोरियम में शुरू हुआ। यह समिट c-Ganga (गंगा बेसिन प्रबंधन और अध्ययन केंद्र, आईआईटी कानपुर) और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) द्वारा मिलकर आयोजित किया गया है। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम (9–11 दिसंबर 2025) का मुख्य विषय है — “खंडित प्रयासों से सुप्रबंधकता तक : भारत के जल भविष्य के लिए जिला नदी प्रबंधन योजनाएं गढ़ना” ”विषय पर केंद्रित है।
इस समिट में पर्यावरण वैज्ञानिक, शोधकर्ता, और जल एवं नदी संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भारत और विदेशों से शामिल हो रहे हैं। पहले दिन के ओवरव्यू सत्र में c-Ganga द्वारा तैयार गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट प्लान 2.0 (GRBMP 2.0) को जारी किया जाएगा।
तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में जिला-स्तरीय नदी प्रबंधन योजना के अंतर्गत तरल अपशिष्ट प्रबंधन, तीव्र वर्षा जल निकासी, स्थानीय सतही जल निकायों (तालाब, झील, पोखर) का विकास सहित नदी प्रबंधन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी।
शिखर सम्मेलन के केंद्रीय विषय पर प्रकाश डालते हुए सी-गंगा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विनोद तारे ने बताया कि जिला नदी प्रबंधन परियोजना को एक जिले की भौगोलिक सीमा में होने वाली सभी मानवीय गतिविधियों के प्रबंधन हेतु एक समग्र योजना के रूप में परिकल्पित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य जिले की नदियों का संरक्षण और पुनरुद्धार सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि किसी जिले की सीमा में प्रवेश करते समय नदी की पारिस्थितिक स्थिति जैसी हो, उसी स्वरूप में या उससे बेहतर स्थिति में नदी का बाहर निकलना इस योजना का मूल लक्ष्य है।
इंडिया वाटर इम्पैक्ट समिट के समानांतर, एक अन्य सभागार में क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी इम्पैक्ट समिट का भी आयोजन होगा, जिसका यह तीसरा वर्ष है। इसमें पर्यावरण क्षेत्र में सक्रिय उद्योग जगत के प्रतिनिधि, निवेशक, और नागरिक समुदाय के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसके साथ ही पर्यावरण के क्षेत्र में नई तकनीक और प्रौद्योगिकी नवाचार का व्यवसायिक क्रियान्वयन कर रही कंपनियों के प्रतिनिधि, स्टार्टअप के प्रतिनिधि और किसी परंपरागत उद्योग में नवाचार अपनाने के इच्छुक उद्योगपति भाग लेंगे। इस सम्मेलन में उपचारित अपशिष्ट जल का बाजार, स्लज मैनेजमेंट, तथा बायोगैस अर्थशास्त्र जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
इंडिया वाटर इम्पैक्ट समिट पर्यावरण एवं जल प्रबंधन के क्षेत्र का एक बहुप्रतिष्ठीत एवं बहुप्रतिक्षित आयोजन है जिसमें देशभर के आईआईटी, एनआईटी और अन्य तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थी तथा संकाय सदस्य उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। यह मंच उच्च प्रशासनिक अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों, एनजीओ और युवा कार्यकर्ताओं के बीच सार्थक संवाद को बढ़ावा देता है।
आईआईटी कानपुर के बारे में
1959 में स्थापित, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध, आईआईटी कानपुर ने अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका 1,050 एकड़ का हरा-भरा परिसर शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों से समृद्ध है। संस्थान में 20 विभाग, तीन अंतर्विषयी कार्यक्रम, 26 केंद्र और तीन विशेष स्कूल हैं, जो इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं। 570 से अधिक पूर्णकालिक फैकल्टी और 9,500 से अधिक छात्रों के साथ, आईआईटी कानपुर नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता में अग्रणी बना हुआ है।